Monday, December 23, 2013

सोच पर हंसी आती है...

अभी अभी समाचार पढा कि एक दंपति ने अपने बच्‍चे के इलाज के लिए पडोस के बच्‍चे की बलि दे दी। इससे बच्‍चा तो नहीं ठीक हुआ, पर उन्‍हें जेल अवश्‍य जाना पडा।

सोच कर हंसी आती है कि हमारे देश में कितने कूढ मगज लोग हैं। बीमार उनका बेटा है और उसका इलाज खोज रहे हैं दूसरे की बचचे की बलि में। पता नहीं इतनी बेसिरपैर की बात और इतनी घिनौनी बात कैसे सोच लेते हैं। अरे, कभी ऐसा हुअ है कि खाना कोई और खाए और पेट किसी और का भरे।

पता नहीं इतनी विकृत और अतार्किक सोच केसे बन जाती है लोगों की। लगता है कि इसके सफाए  के लिए एक बडा अभियान चलाने की आवश्‍यकता है।